आज यानि शनिवार 6 /1/2024 को ISRO का सोलर मिशन ADITYA L1 अपने लैग्रेंज पॉइंट पर पोहंचा। 126 दिन चला इसरो का ये सफर। अभी ADITYA L1 पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर हे। ये मिशन 5 साल चलेगा।
ADITYAL1 में 440N लिक्विड अपोजी मोटर (LAM) लगी है, जिसकी मदद से आदित्य-L1 को हेलो ऑर्बिट में पहुंचाया गया। यह मोटर इसरो के मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) में इस्तेमाल की गई मोटर के समान है। इसके अलावा आदित्य-L1 में आठ 22N थ्रस्टर और चार 10N थ्रस्टर हैं, जो इसके ओरिएंटेशन और ऑर्बिट को कंट्रोल करने के लिए जरूरी हैं।
L1 अंतरिक्ष में ऐसा स्थान है, जहां पृथ्वी और सूर्य की गुरुत्वाकर्षण शक्तियां संतुलित होती हैं। हालांकि L1 तक पहुंचना और स्पेसक्राफ्ट को इस ऑर्बिट में बनाए रखना कठिन टास्क है। L1 का ऑर्बिटल पीरियड करीब 177.86 दिन है।
जाने कब लॉन्च हुआ था मिशन और क्या था इस मिशन का बजट
ISRO केद्वारा आदित्य-L1 स्पेसक्राफ्ट 2 सितंबर 2023 को लॉन्च किया गया था। आदित्य-L1 का मुख्य काम सूरज को स्टडी करना है । 400 करोड़ रुपए का ये मिशन अब भारत समेत पूरी दुनिया के सैटेलाइट्स को सौर तूफानों से बचाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने आदित्य-L1 के हेलो ऑर्बिट में एंट्री करने की देशवासियों को बधाई देते हुए एक्स पर पोस्ट शेयर की है
India creates yet another landmark. India’s first solar observatory Aditya-L1 reaches it’s destination. It is a testament to the relentless dedication of our scientists in realising among the most complex and intricate space missions. I join the nation in applauding this…
— Narendra Modi (@narendramodi) January 6, 2024
जाने आदित्य L 1 के बारे में पूरी जानकारी
सूर्य के रहस्य अब तक अनसुलझे हैं। सूर्य पर विश्व के कई देशों ने अध्ययन किये लेकिन पूरी तरह से सफल नहीं हो पाये। सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे निकटतम तारा है। सूर्य हमारे सौर मंडल के केंद्र में स्थित हाइड्रोजन और हीलियम से युक्त एक चमकता तारा है। सूर्य की उम्र लगभग 4.5 अरब से भी ज्यादा है। यह पृथ्वी से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर दूर है। ये हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा तारा है। भारत ने सूर्य पर अध्ययन करने के लिए देश के पहले सौर मिशन आदित्य एल1 को 2 सितंबर 2023, शनिवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से सफलतापूर्वक लॉन्च गया था